दिवाली पर बनने वाले पारंपरिक व्यंजन — स्वाद, संस्कृति और परिवार की खुशबू
दीपों का यह पर्व सिर्फ रोशनी से नहीं, बल्कि रसोई की खुशबू से भी जगमगाता है। दिवाली आते ही हर घर की किचन में कुछ खास पकवान बनते हैं — जो स्वाद के साथ परंपरा और प्यार का संगम होते हैं। आइए जानते हैं उन पारंपरिक व्यंजनों की कहानी, जो हर दिवाली को स्वादिष्ट बनाते हैं।
1. गुजिया — मिठास की महारानी
गुजिया का नाम आते ही दिवाली की रौनक दिमाग में छा जाती है। उत्तर भारत में इसे सबसे प्रिय मिठाई माना जाता है। मैदे के खोल में भुने हुए खोए, मेवों और नारियल का भराव, और फिर सुनहरी तलावट — बस, हर बाइट में बचपन लौट आता है।
2. बेसन लड्डू — हर घर की पहचान
बेसन लड्डू को दिवाली का आत्मीय व्यंजन कहा जाए तो गलत नहीं। दादी या माँ के हाथों का स्वाद, घी की खुशबू और इलायची का जादू — ये सब मिलकर हर लड्डू में आशीर्वाद भर देते हैं।
3. चिवड़ा और नमकीन — दिवाली का सॉल्टी ट्विस्ट
दिवाली सिर्फ मिठाइयों का त्योहार नहीं है। नमकीन चिवड़ा, मूंगफली, और मसाला पापड़ी जैसे व्यंजन त्योहार में संतुलन लाते हैं। यह वो स्नैक्स हैं जो हर मेहमान के स्वागत में जरूरी होते हैं।
4. तिल गुड़ लड्डू — सर्दियों की गरमाहट
तिल और गुड़ से बना लड्डू न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है। यह व्यंजन शुभता और ऊर्जा का प्रतीक है। कई जगहों पर दिवाली के दूसरे दिन इसका सेवन शुभ माना जाता है।
5. खीर और मालपुआ — भोग का प्रतीक
खीर का स्थान किसी भी उत्सव में सर्वोच्च होता है। दूध, चावल और इलायची का यह मेल शुद्धता का प्रतीक है। वहीं मालपुआ का मुलायम स्वाद हर मिठाई को मात देता है। यह भोग के साथ-साथ उत्सव का भी प्रिय व्यंजन है।
6. काजू कतली — त्योहार की शाही मिठाई
काजू कतली हर दिवाली में ‘स्टार स्वीट’ बन जाती है। इसकी चमकदार परत और मुलायम टेक्सचर दिवाली गिफ्ट बॉक्स का अहम हिस्सा होती है। कहा जाता है कि यह मिठाई समृद्धि का प्रतीक है।
7. शक्करपारे और नानखटाई — कुरकुरे जादूगर
शक्करपारे की मीठी परत और नानखटाई की देसी बिस्किट जैसी बनावट हर बच्चे की फेवरेट होती है। ये स्नैक्स त्योहार के दिनों में बार-बार हाथों में आ जाते हैं।
8. क्षेत्रीय व्यंजन — भारत की विविधता का स्वाद
हर राज्य का स्वाद अनोखा होता है। महाराष्ट्र की पूरनपोळी, बिहार का अनर्सा, बंगाल की संदेश, दक्षिण भारत की पायसम — सबकी अपनी कहानी और परंपरा है। यही तो भारत की सुंदरता है — विविधता में एकता, और एकता में स्वाद!
9. भोजन में प्रेम का स्पर्श
दिवाली की असली मिठास किसी व्यंजन में नहीं, बल्कि उसे बनाने वाले हाथों में होती है। हर मिठाई, हर पकवान में एक कहानी होती है — परिश्रम, प्रेम और परिवार की। जब पूरा परिवार रसोई में जुटता है, तभी असली दिवाली होती है।
10. आज की पीढ़ी के लिए संदेश
फास्ट फूड के युग में भी अगर आप अपने घर की पारंपरिक रेसिपी दोहराते हैं, तो आप सिर्फ पकवान नहीं बना रहे — आप संस्कृति को जीवित रख रहे हैं। इस दिवाली, एक नया फैशन शुरू करें — “Make it Homemade, Make it Heartmade!”
