दिवाली 2025 कैलेंडर: धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज कब है?
लेखक: उत्तम प्रधान | संस्था: अनुराग प्रकाशन | वेबसाइट: hamrodhwani.in
🌕 दिवाली 2025 की तिथियाँ और पंचदिवसीय पर्व
दिवाली का पर्व 2025 में 18 अक्टूबर से शुरू होकर 22 अक्टूबर तक चलेगा। यह पाँच दिनों का अद्भुत उत्सव धन, धर्म और परिवार की एकता का प्रतीक है।
1️⃣ धनतेरस – 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
धनतेरस का अर्थ ही है “धन की तेरस।” यह दिन माँ लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन लोग सोना-चाँदी, बर्तन और नए वस्त्र खरीदते हैं।
शुभ मुहूर्त: शाम 6:30 बजे से रात 8:15 बजे तक लक्ष्मी पूजन का सर्वोत्तम समय है।
2️⃣ नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली – 19 अक्टूबर 2025 (रविवार)
यह दिन नरकासुर के वध की याद में मनाया जाता है। सुबह जल्दी स्नान कर तेल अभ्यंग करना शुभ होता है। घरों में दीये जलाकर नकारात्मकता को दूर करने की परंपरा है।
3️⃣ महा दिवाली (लक्ष्मी पूजा) – 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
दिवाली का मुख्य दिन, जब माँ लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है। इस रात दीपक जलाने से घरों में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 6:10 बजे से 8:10 बजे तक।
4️⃣ गोवर्धन पूजा – 21 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में यह दिन मनाया जाता है। इस दिन अन्नकूट का भोग लगाया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर भगवान को अर्पित किए जाते हैं।
5️⃣ भाई दूज – 22 अक्टूबर 2025 (बुधवार)
भाई-बहन के स्नेह का पर्व। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके दीर्घायु की कामना करती हैं। भाई उन्हें उपहार देते हैं।
🪔 दिवाली का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
दिवाली केवल रोशनी का त्योहार नहीं, यह आत्मज्ञान, परिवार, और नए आरंभ का उत्सव है। ज्योतिष के अनुसार, यह समय ग्रहों की स्थिति में शुभ ऊर्जा लाता है। धनतेरस से लेकर भाई दूज तक हर दिन का विशेष महत्व है जो व्यक्ति के जीवन में संतुलन और समृद्धि लाता है।
💫 क्या करें और क्या न करें
- घर में साफ-सफाई और दीपक जलाना अनिवार्य है।
- इस अवधि में झगड़ा या क्रोध से बचें।
- शुभ रंग – लाल, सुनहरा और केसरिया।
- शुभ दिशा – उत्तर और पूर्व की ओर दीपक रखें।
✨ निष्कर्ष
दिवाली 2025 केवल एक त्योहार नहीं बल्कि जीवन को रोशनी से भरने का संदेश है। धनतेरस से भाई दूज तक हर दिन आपको नई ऊर्जा, प्रेम और सफलता का संदेश देता है। इस बार का त्योहार अपने परिवार और समाज के साथ मनाएँ और सकारात्मकता फैलाएँ।
