धनतेरस के लिए विशेष व्यंजन — क्या आप जानते हैं कि इन 6 शुभ व्यंजनों को बनाने से सौभाग्य की प्राप्ति होगी?
धनतेरस — यानी वो दिन जब घर-घर में दीपक जलते हैं, सोने-चाँदी की चमक होती है और रसोई से आती खुशबू सबका मन मोह लेती है। यह त्योहार केवल खरीददारी या पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वाद, परंपरा और समृद्धि का संगम है।
भारत में धनतेरस के दिन कुछ विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं जिनका संबंध सौभाग्य, स्वास्थ्य और शुभ फल से माना गया है। आइए जानते हैं वे 6 शुभ व्यंजन जो न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि धनतेरस के असली अर्थ — “धन और आरोग्य” — का प्रतीक भी हैं।
१. पूरनपोली — मीठे सौभाग्य की शुरुआत
कहानी: महाराष्ट्र और गुजरात में पूरनपोली धनतेरस की सुबह का पारंपरिक पकवान है। यह मीठा व्यंजन समृद्धि और एकता का प्रतीक माना जाता है।
सामग्री: चना दाल, गुड़, घी, इलायची पाउडर, और गेहूं का आटा।
विधि: चना दाल को गुड़ के साथ पकाकर उसका मीठा मिश्रण (पूरन) तैयार करें। फिर इसे आटे की रोटी में भरकर सुनहरा सेंकें।
पूरनपोली को “सौभाग्य का स्वाद” कहा जाता है क्योंकि यह परिवार के बीच मिठास बढ़ाता है।
२. तिल-गुड़ लड्डू — रिश्तों में गर्माहट
कहानी: यह व्यंजन धनतेरस और दिवाली दोनों में बनाया जाता है। तिल और गुड़ सर्दी में शरीर को ऊर्जा और मन को मिठास देते हैं।
सामग्री: तिल, गुड़, घी, और इलायची।
विधि: गुड़ को घी में पिघलाकर उसमें भुने तिल डालें। जब ठंडा हो जाए, लड्डू बनाएं। कहते हैं — “मीठे बोलो, मीठा खाओ, और घर में लक्ष्मी पाओ।”
३. धनिया हलवा — आरोग्य का स्वाद
कहानी: आयुर्वेद के अनुसार धनिया (coriander) को आरोग्य का प्रतीक माना गया है। धनतेरस पर धन्वंतरि भगवान की पूजा के बाद यह हलवा बनाया जाता है।
सामग्री: धनिया पाउडर, घी, गुड़, दूध और बादाम।
विधि: घी में धनिया भूनें, फिर गुड़ और दूध डालें। गाढ़ा होने पर मेवे डालें और प्रेम से परोसें।
यह व्यंजन शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखता है।
४. मूंग दाल हलवा — लक्ष्मी का प्रिय भोग
कहानी: कहा जाता है कि माँ लक्ष्मी को मूंग दाल हलवा बेहद प्रिय है। इसलिए धनतेरस की रात इस हलवे को “शुभ आरंभ” के रूप में बनाया जाता है।
सामग्री: मूंग दाल, घी, दूध, चीनी, और मेवे।
विधि: मूंग दाल को भिगोकर पीसें, फिर घी में भूनें। दूध और चीनी डालकर धीमी आँच पर पकाएँ। जब सुनहरा रंग आ जाए, तब प्रेम से सजाएँ।
५. शक्करपारे — मीठे रिश्तों की डोरी
कहानी: हर घर में धनतेरस और दिवाली पर यह कुरकुरा व्यंजन बनता है। इसे “त्योहार का मीठा स्नैक” भी कहा जाता है।
सामग्री: मैदा, चीनी, घी, और सौंफ।
विधि: मैदा में घी मिलाकर आटा गूंथें, फिर छोटे टुकड़े काटकर तलें और शक्कर की चाशनी में डुबोएं। कुरकुरे, मीठे और उत्सव जैसे!
६. खीर — समृद्धि का शुद्ध प्रतीक
कहानी: हर शुभ अवसर की तरह, धनतेरस पर भी खीर बनाना “पूर्णता” का संकेत माना जाता है।
सामग्री: चावल, दूध, चीनी, इलायची, और केसर।
विधि: दूध को गाढ़ा करें, चावल डालें, फिर चीनी और मेवे मिलाएं। ऊपर से केसर छिड़कें।
कहा जाता है — “जहाँ खीर, वहाँ लक्ष्मी का धीर।”
धनतेरस का सच्चा स्वाद
इन छह व्यंजनों का उद्देश्य केवल पेट भरना नहीं, बल्कि आत्मा को संतुष्टि देना है। हर मिठाई में लक्ष्मी का आशीर्वाद छिपा है, हर पकवान में धन्वंतरि की कृपा है। जब परिवार साथ बैठकर खाता है, तो वही होता है असली ‘धन’ — जो बाजार से नहीं, दिल से मिलता है।
